जेपीसी-पीएसी आमने-सामने, राको-मुरली भिड़े
लेकिन अब वो ही जांच समितियां आपस में भिड़ गई है, जेपीसी का कहना है कि एक ही जांच पर दो समितियां कैसे काम कर सकती है, ये गलत है, जेपीसी के अध्यक्ष पीसी चाको ने कहा, 'एक ही मुद्दे पर दो समितियों की समानांतर जांच किसी भी हालत में ठीक नहीं है। इससे पहले पीएसी के प्रमुख डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने भी कहा था कि पीएसी की गरिमा के आगे जेपीसी कहीं नहीं टिकती। जेपीसी के अधिकार भी सीमित हैं, समय भी निर्धारित है और जांच के विषय भी विशिष्ट हैं। जबकि पीएसी संवैधानिक संस्था है। यह स्थायी है।
जबकि चाको इस बात को लेकर मीरा कुमार के पास जायेंगे लेकिन वो चाहते है कि जब वो इस बात को लेकर मीरा कुमार के पास जायें तो वहीं पीएसी प्रमुख मुऱली मनोहर जोशी भी उपस्थित हों। खैर ये सोचने वाली और गौर करने वाली बात है कि पहले नेता बड़े-बड़े घोटाले करते हैं, फिर हिस्सेदारी को लेकर लड़ते है, फिर लड़-लड़ कर जांच समितियां बनवाते हैं, फिर समितियों के अधिकार को लेकर लड़ते हैं। अब आप ही बताइये जब जांच प्रमुख ही आपस में भिड़ जायेंगे तो वो जांच क्या करेंगे और जो जांच रिपोर्ट पेश करेंगे उसमें कितनी सच्चाई होगी?