187 देशें के समर्थन से भारत बना सुरक्षा परिषद का सदस्य
करीब दो दशक के बाद मंगलवार को भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य के लिए चुना गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस सीट के लिए हुए मतदान में भारत को 191 में से कुल 187 मत प्राप्त हुए।
दो वर्ष के कार्यकाल के लिए कजाकस्तान द्वारा नाम वापस ले लेने के बाद भारत एशियाई क्षेत्र से इस सीट के लिए एक मात्र दावेदार बच गया था, और इस तरह भारत की जीत लगभग सुनिश्चित हो गई थी। इससे पहले 1992 में भारत सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य निर्वाचित हुआ था। दक्षिण अफ्रीका और कंबोडिया ने भी अफ्रीकी और लातिन अमेरिकी सीटों पर जीत दर्ज कराई है।
भारत को व्यापक समर्थन मिला : कृष्णा
सुरक्षा परिषद में सीट मिलने पर विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने कहा कि दुनिया भर से मिले व्यापक समर्थन के कारण भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट जीतने में सफल हो पाया है।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस आशय की घोषणा किए जाने के कुछ ही क्षण बाद यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृष्णा ने व्यापक समर्थन देने के लिए वैश्विक समुदाय को भारत की ओर से धन्यवाद दिया। कृष्णा ने कहा, "इससे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की उम्मीदें जाहिर होती हैं।"
कृष्णा ने कहा कि यह जीत आतंकवाद से लड़ाई और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में वैश्विक मंच पर भारत की प्रमुख भूमिका का संकेत है। उन्होंने कहा, "सुरक्षा परिषद के सदस्य के रूप में भारत की तात्कालिक प्राथमिकता देश के पड़ोस में शांति एवं स्थिरता स्थापित करनी होगी। हम एक संकटग्रस्त पड़ोस में रहते हैं।"