नीतीश ने गांधी मैदान में लगातार पांचवीं बार फहराया तिरंगा
बिहार में अब तक 31 सरकारें बनी तथा छह बार राज्य को राष्ट्रपति शासन का सामना करना पड़ा। राज्य के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह ने लगातार जनवरी 1961 तक मख्यमंत्री की गद्दी संभाली और इस दौरान उन्होंने 11 बार ऐतिहासिक गांधी मैदान में तिरंगा फहराया। इसके बाद मुख्यमंत्री बने दीपनारायण सिंह को यह सौभाग्य एक बार भी नहीं मिला परंतु 18 फरवरी 1961 को मुख्यमंत्री बने विनोदानंद झा को दो बार तिरंगा फहराने का सौभाग्य मिला।
इसी तरह कृष्णवल्लभ सहाय ने तीन बार तो पांच मार्च 1967 से 28 जनवरी 1968 तक मुख्यमंत्री रहे महामाया प्रसाद को एक बार राष्ट्रीय ध्वज फहराने का मौका मिल सका।
इसके बाद दारोगा राय को एक बार, कर्पूरी ठाकुर को तीन बार सहित कई मुख्यमंत्रियों को गांधी मैदान में तिरंगा फहराने का पांच बार से कम ही मौका मिला। हालांकि जगन्नाथ मिश्रा को पांच बार तिरंगा फहराने का सौभाग्य अवश्य मिला परंतु इसके लिए उन्होंने दो कार्यकाल का समय लिया।
यही नहीं राज्य की बागडोर संभालने वाले दीपनारायण सिंह, सतीश प्रसाद सिंह, बी़पी़ मंडल, हरिहर सिंह तथा भागवत झा आजाद ऐसे मुख्यमंत्रियों की सूची में शामिल हैं जिन्हें एक बार भी गांधी मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का सैाभाग्य नहीं मिला।
लालू प्रसाद यादव को सात बार तथा उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को आठ बार गांधी मैदान में झंडोतोलन का अवसर मिला।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।