कश्मीर हिंसा में 2 किशोरों और 6 अन्य व्यक्तियों की मौत (लीड-3)
श्रीनगर, 1 अगस्त (आईएएनएस)। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में रविवार को भीड़ द्वारा थानों पर किए जा रहे हमलों के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी में एक किशोरी (17) और एक किशोर (17) सहित आठ लोगों की मौत हो गई।
इसके साथ ही शुक्रवार से अब तक सुरक्षा बलों की कार्रवाई में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 14 हो गई है।
घाटी में कानून-व्यवस्था की स्थिति पिछले तीन दिनों से बिगड़ गई है। अधिकांश शहर और कस्बे हिंसक प्रदर्शनों से हिल उठे हैं और भीड़ पुलिस थानों, पुलिस शिविरों, वाहनों पर पथराव कर रही है और पकड़ में आ गए सुरक्षा कर्मियों की पिटाई कर रही है।
एक पुलिस अधिकारी ने यहां कहा कि रविवार शाम एक उग्र भीड़ जिले के क्रीव पुलिस चौकी पर धावा बोल दी और उसमें आग लगा दिया। उसके बाद चौकी के अंदर हुए एक विस्फोट से पांच लोगों की मौत हो गई और 19 अन्य घायल हो गए।
पुलिस ने कहा कि चौकी के अंदर विस्फोट वहां रखे गैस सिलिंडर के कारण हुआ हो सकता है, जो कि आग लगने के दौरान फट पड़ा।
इसके पहले जब इस पुलिस चौकी पर एक हिंसक भीड़ ने रविवार अपराह्न् हमला किया था तो चौकी के अंदर मौजूद पुलिसकर्मियों को आत्मरक्षार्थ गोली चलानी पड़ी थी। परिणामस्वरूप अफरोजा बानो (17) नामक एक लड़की मारी गई थी और तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
सूत्रों ने कहा कि बाद में पुलिस कर्मियों ने क्रीव गांव में सेना के एक शिविर में जाकर शरण लिया।
घायल प्रदर्शनकारियों को श्रीनगर के अस्पतालों में ले जाने के लिए सेना ने एंबुलेंस की सेवाएं ली।
अधिकारी ने बताया, "तीनों घायलों को इलाज के लिए सौरा स्थित शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एसकेआईएमएस) ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने लड़की को मृत घोषित कर दिया।"
क्रीव पुलिस चौकी में फंसे पुलिस कर्मियों की सुरक्षा के लिए पास के एक शिविर से सेना के जवान वहां पहुंच गए हैं।
इसके पहले उसी जिले में पंपोर पुलिस थाने पर हमला कर रही एक भारी भीड़ पर की गई पुलिस कार्रवाई में नईम अहमद शाह (26) और रईस अहमद वानी (17) की मौत हो गई थी और पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यहां कहा कि इन दो मौतों की खबर फैलने के साथ ही प्रदर्शनकारियों ने कस्बे में स्थित एक राजस्व अधिकारी के कार्यालय के साथ उनके आवास पर हमला किया और उसे आग के हवाले कर दिया। इसके साथ ही एक स्थानीय अदालत के गार्ड रूम से हथियारों को लूट लिया, एक पुलिस अधिकारी पर हमला किया और एक पुलिस वाहन को आग के हवाले कर दिया।
अधिकारी ने कहा, "सुरक्षा कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए शुरू में आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। लेकिन प्रदर्शनकारियों पर इसका असर नहीं हुआ। उसके बाद सुरक्षा बलों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इस दौरान सात व्यक्ति घायल हो गए। गंभीर रूप से घायल नईम अहमद शाह (26) को इलाज के लिए तत्काल श्रीनगर ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।"
उसके बाद रईस अहमद वानी (17) ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया।
मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए। घटनास्थल पर अतिरिक्त सुरक्षा बल पहुंच गए हैं।
पुलिस अधिकारी ने कहा, "पंपोर कस्बे में स्थिति अति तनावपूर्ण है।"
भीड़ ने गांदरबल, फ्रास्ताबल, बारसू, कादलबल और पंपोर में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पेड़ों को गिराकर अवरोधक खड़ा कर दिया है।
उधर, श्रीनगर में दो दिन पहले हुई हिंसा के बाद लगा कर्फ्यू रविवार को भी जारी रहा। अलगाववादियों ने लोगों की मौत के विरोध में पूरी घाटी में बंद का आान किया है, इससे नागरिकों की मुसीबतें बढ़ गई हैं।
वाहनों पर लगे लाउडस्पीकरों के माध्यम से पुलिस पुराने शहर और नए इलाकों में लोगों से कर्फ्यू का पालन करने की अपील कर रही है।
घाटी में पिछले 55 दिनों से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। घाटी के अन्य शहरों में भी कर्फ्यू लागू होने की खबरें हैं।
कट्टर हुर्रियत नेता सैयद अली गिलानी ने कहा कि यदि उनको पैरोल पर रिहा किया गया तो वे रिहाई के आदेश का पालन नहीं करेंगे।
अलगाववादी नेता के एक करीबी सूत्र ने कहा, "गिलानी ने अधिकारियों से कहा है कि यदि वे उन्हें रिहा करना चाहते हैं तो उनके खिलाफ लगाए गए जन सुरक्षा कानून को हटाया जाना चाहिए।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।