मंगल पर पहले जीवन के अनुकूल थे हालात : नासा
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नासा के वैज्ञानिकों ने 'स्पिरिट मार्स रोवर्स' द्वारा भेजे गए नमूनों का चार वर्षो तक अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। 'स्पिरिट मार्स रोवर्स' द्वारा वर्ष 2005 में भेजे गए नमूनों के परीक्षण से पता चला है कि कभी मंगल की धरातल पर कार्बोनेट की उच्च सांद्रता हुआ करती थी। यह स्थिति गीली, लगभग तटस्थ शर्तो वाली धरातलीय विशेषता मानी जाती है। हालांकि इसका एक प्रतिकूल पक्ष यह भी है कि यह अम्ल के संपर्क में आने के बाद खत्म हो जाता है लेकिन मंगल के धरातल पर इसके अवशेष मिलने से इस बात के आसार बने हैं कि मंगल का धरातल कभी अम्लीय नहीं था।
वैज्ञानिक मंगल की धरातल पर कार्बोनेट के अवशेष के मिलने को महत्वपूर्ण खोज मानते हैं। न्यूयार्क के कार्नेल विश्वविद्यालय के स्टीव स्वेरेस कहते हैं, "यह रोवर द्वारा सामने लाई गई सबसे महत्वपूर्ण खोज है।" रोवर्स ने जनवरी 2004 में मंगल के धरातल पर कदम रखा था। शुरुआती चरण में रोवर्स को तीन महीने के लिए मंगल पर भेजा गया था। इस क्रम में स्पिरिट नाम का एक और खोजी यान मंगल पर भेजा गया था जो गत 22 मार्च से पृथ्वी पर संदेश भेजना बंद कर चुका है।