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तैयार रहें महंगाई की चौतरफा मार के लिए

By अजय मोहन
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जी हां, अगले कुछ ही महीनों में महंगाई एक बार फिर आप पर चारों तरफ से महंगाई की मार पड़ेगी। चाहे वो साग-सब्जि, फल या दूध हो और या फिर दालें, कपड़े से लेकर इलेक्‍ट्रॉनिक उत्‍पादों तक सभी के दाम तेजी से बढ़ेंगे। बाजार विशेषज्ञों का आंकलन है कि असामान्‍य मौसम पहले से ही महंगाई बढ़ने के संकेत दे रहा है, ऊपर से अगर सोमवार को वित्‍त मंत्रालय की बैठक में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े तो सभी की जेब हलकी होना तय है।

सबसे पहले हम बात करते हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतों की। इस बार एक या दो नहीं पूरे साढ़े तीन रुपए बढ़ने की संभावना है। जाहिर है ईंधन के दाम बढ़ने से माल ढुलाई स्‍वत: महंगी हो जाएगी। फिर चाहे किराने की दुकान हो या फिर बिग बाजार व स्‍पेंसर्स हर जगह माल पहुंचाने का खर्च बढ़ेगा। हमेशा की तरह इस बार भी कोई डीलर या रिटेल कंपनी ईंधन का बढ़ा हुआ दाम खुद नहीं देगी, उसका खर्च आपकी जेब से ही निकलेगा। हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने इसके खिलाफ अभी से मोर्चा खोल दिया है, लेकिन एक बार दाम बढ़ने का मतलब आम जनता महंगाई के वार से घायल, फिर चाहे कितने ही आंदोलन या ट्रक, टेंपो की हड़ताल ही क्‍यों न हो, घाव भरना काफी मुश्किल हो जाता है।

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महंगाई बढ़ने का एक बड़ा फैक्‍टर मौसम भी है। इस समय देश में मौसम अपना असामान्‍य चरित्र दिखा रहा है। पूर्वोत्‍तर में आए दिन आंधी, बारिश, उत्‍तर प्रदेश, पंजाब, दिल्‍ली, हरियाणा, राजस्‍थान आदि में भीषण गर्मी और दक्षिण में लगातार गर्मी-बरसात के बीच आंख मिचोली। लखनऊ के कृषि वैज्ञानिक एस त्रिवेदी के मुताबिक ज्‍यादा गर्मी या ज्‍यादा बरसात से फसल को प्रभाव नहीं होता, फसल प्रभावित होती है मौसम के उतार-चढ़ाव से। तेज गर्मी फिर अचानक बारिश और फिर नमी। ऐसा होने पर खरीफ की फसल में कीड़ा लगने की आशंका अधिक होती है।

मौसम वैज्ञानिक लगातार कह रहे हैं, कि ग्‍लोबल वॉर्मिंग की वजह से मौसम में असामान्‍य परिवर्तन दिखते रहेंगे। जाहिर है ऐसे में फसल पर कीट लगना बड़ी बात नहीं होगी। लिहाजा गेंहू, चावल और दालों के दाम बढ़ने के लिए आप अभी से तैयार रहें। कुल मिलाकर महंगाई आपको चारों तरफ से घेर रही है। यह ऐसा घेराव है, जिसमें देश का प्रत्‍येक नागरिक बुरी तरह फंसता जा रहा है। आप इसमें कितना असहज महसूस कर रहे हैं, यह आप नहीं, बल्कि आपकी जेब तय कर सकती है।

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