कनाडा ने वीजा मामले पर खेद प्रकट किया : कृष्णा
कृष्णा ने कहा, "हमें कनाडा के आव्रजन मंत्री जैसन केनेडी की ओर से दिए गए एक बयान की प्रति हासिल हुई है। केनेडी ने लिखा है कि भारत के प्रति, भारतीय संस्थानों के प्रति और वहां की प्रक्रियाओं के प्रति कनाडा सर्वोच्च सम्मान रखता है।"
कृष्णा ने कहा, "उन्होंने इस बात पर गहरा खेद प्रकट किया है कि उनके अधिकारी द्वारा वीजा खारिज करते समय पत्र में जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है, वह भारतीय रक्षा एवं सुरक्षा एजेंसियों द्वारा निभाए गए वैधानिक कर्तव्यों को कलंकित करता है, वह भी उन एजेंसियों को जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं व कानून के तहत संचालित होती है।"
पिछले दो दशकों के दौरान कनाडा ने कुछ वरिष्ठ सेवारत एवं सेवानिवृत्त सैन्य व खुफिया अधिकारियों को विपरीत टिप्पणियों के साथ वीजा देने से इंकार कर दिया है, जिसे लेकर भारत में काफी होहल्ला मचा है।
कृष्णा ने कहा, "गलत धारणा वाली भाषा किसी भी तरह से कनाडा सरकार के रुख या उसकी नीति को जाहिर नहीं करती, इसलिए मैं समझता हूं कि उन्होंने जो गलती की है, उसे महसूस कर लिया है। मैं समझता हूं कि हमें इस मामले को यहीं पर समाप्त मान लेना चाहिए।"
ज्ञात हो कि पिछले सप्ताह कनाडाई उच्चायोग ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सेवानिवृत्त जवान, फतेह सिंह पंधेर को इस आधार पर वीजा देने से इंकार कर दिया था कि वह एक हिंसक बल के साथ जुड़े रहे हैं।
इसी तरह मई महीने में सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ए.एस.बाहिया को इस आधार पर वीजा से इंकार कर दिया गया था कि उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर के एक संवेदनशील इलाके में अपनी सेवाएं दी थी।
इसी तरह एक अन्य मामले में वर्ष 2008 व 2009 में दो ब्रिगेडियरों को कनाडा ने वीजा देने से इंकार कर दिया गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।