वामपंथियों ने महसूस किया, नक्सली उनके लिए भी खतरा : चिदंबरम
कांग्रेस के नियंत्रण वाले 'जय हिंद' टीवी चैनल पर प्रसारित एक साक्षात्कार में चिदंबरम ने वामपंथी पार्टियों की इस स्वीकारोक्ति को 'कभी नहीं से देर भली' के रूप में बताया।
चिदंबरम ने कहा कि वामपंथी पार्टियां और नक्सली, दोनों किसी समय कांग्रेस को अपना सामूहिक दुश्मन मानते थे।
चिदंबरम ने कहा, "कुछ समय पहले तक वामपंथी पार्टियां और नक्सली कहते थे कि कांग्रेस उनका सामूहिक दुश्मन है। वामपंथी सोचते थे कि वे एक ही पक्ष के हैं। लेकिन अब वही वामपंथी महसूस करते हैं कि नक्सलियों ने वामपंथी पार्टियों के लिए भी खतरा पैदा कर दिया है।"
चिदंबरम ने कहा कि वामपंथी पार्टियों की माओवाद को लेकर समझ काफी हद तक बदल गई है।
गृह मंत्री ने कहा, "वामपंथियों ने एक साल पहले जो संसद में कहा था, और उन्होंने अब संसद में जो कुछ कहा है, उनमें बहुत फर्क है। आप वामपंथी सांसदों के भाषणों का उदाहरण ले सकते हैं और पश्विम बंगाल के मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बयानों को देख सकते हैं।"
चिदंबरम ने कहा, "मैं समझता हूं कि उन्होंने देर से ही सही लेकिन इस बात को महसूस किया है कि नक्सलवाद न केवल कांग्रेस के लिए खतरा है, बल्कि अन्य मुख्यधारा की पार्टियों के लिए भी, यही नहीं यह वामपंथी पार्टियों के लिए भी एक खतरा है। कभी नहीं से देर भली।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।