विकिरण के कारण मायापुरी असुरक्षित : ग्रीनपीस (लीड-2)
दल द्वारा इलाके का दौरा किए जाने के बाद ग्रीनपीस के एक विशेषज्ञ ने कहा, "जांच से, स्वाभाविक पृष्ठभूमि वाले विकिरण से 5,000 गुना अधिक विकिरण वाले स्थानों की पहचान हुई है।"
संस्था ने कहा है, "एक दल ने मायापुरी में स्थित उस दुकान और उसके आसपास के इलाकों का परीक्षण किया, जहां पहली बार विकिरण हुआ था। बेल्जियम के स्टेन विंसेंट और ब्रिटेन के जेन वेंडे पुट्टे जैसे दो विकिरण विशेषज्ञ भी हमारे दल के साथ थे और उन्होंने इलाके की जांच की।"
ग्रीनपीस के प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा, "तीन रेडियोधर्मी डिटेक्टर्स के माध्यम से हमने पाया कि क्षेत्र में विकिरण का खतरा अभी तक बना हुआ है।"
ग्रीनपीस ने इलाके में कुछ विशेष खतरे वाले स्थानों को चिन्हित किया है और लोगों को इन स्थानों पर जाने से बचने की सलाह दी है।
ग्रीनपीस की करुणा रैना ने बताया, "हमने दुकान पर एक टेप लगा दिया है और खतरनाक स्थलों को सफेद सीमेंट से रंग दिया है ताकि आसपास के लोग दूर से ही उसे देख सकें। हमने प्रशासन से भी संपर्क किया है और उन्हें सूचित किया है, ताकि सरकार इसके लिए उपाय कर सके।"
इससे पहले सरकार ने मायापुरी के कबाड़ी बाजार को क्लीन चिट दे दी थी।
ग्रीनपीस ने जांच के बाद इकट्ठा सूचनाओं को स्थानीय निवासियों और संबंधित अधिकारियों से साझा किया।
प्रवक्ता ने कहा, "मायापुरी में विकिरण संबंधी मामले में केवल 37 लोगों की स्कैनिंग की गई, जो पर्याप्त नहीं है। सभी स्थानीय लोगों का स्कैनिंग होनी चाहिए। विकिरण का अत्याधिक खतरा होने की वजह से मायापुरी इंसानों के लिए सुरक्षित नहीं है।"
उल्लेखनीय है कि रेडियोधर्मी विकिरण की चपेट में आए आठ लोगों में से एक की मौत हो चुकी है। यह विकिरण कोबाल्ट 60 की वजह से हुआ था, जिसे दो माह पूर्व नीलामी के जरिए दिल्ली विश्वविद्यालय से खरीदा गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।