राजनीति से नहीं जुड़ना चाहता : बालाकृष्णन
बालाकृष्णन ने अपनी सेवानिवृत्ति की पूर्व संध्या पर यहां संवाददाताओं से कहा, "मैं राजनीति से नहीं जुड़ना चाहता।"
बालाकृष्णन ने यह भी कहा कि वे इस विचार से सहमत नहीं है कि सेवानिवृत्ति के तत्काल बाद न्यायाधीशों को जिम्मेदारी नहीं निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां कई सारी जिम्मेदारियां केवल न्यायाधीशों के लिए आरक्षित हैं और यहां न्यायाधीशों की भारी कमी भी है।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का अध्यक्ष बनाया जा सकता है, इस पर उन्होंने कहा, "मुझसे इस मामले में संपर्क नहीं किया गया है।"
ज्ञात हो कि एनएचआरसी का पद लगभग एक साल से खाली पड़ा हुआ है और इस बात की सूचना है कि पदमुक्त हो रहे प्रधान न्यायाधीश को इस पद पर नियुक्त किया जा सकता है।
मीडियाकर्मियों के साथ 45 मिनट की बातचीत के दौरान बालाकृष्णन ने कई सारे मुद्दों पर बातचीत की। इनमें शक्तियों का बंटवारा, न्यायिक कार्यप्रणाली में राजनीतिक हस्तक्षेप की अनुपस्थिति, देश में विदेशी कानूनी संस्थाओं को अनुमति, न्यायाधीशों के चयन की कॉलेजियम व्यवस्था, सम्मान के लिए हत्या और सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के प्रति सर्वोच्च न्यायालय का प्रतिरोध जैसे मुद्दे शामिल रहे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।