दयमारी वार्ता और कैडरों के आत्मसमर्पण के लिए तैयार
गुवाहाटी, 10 मई (आईएएनएस)। प्रतिबंधित संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के नेता तथा असम में वर्ष 2008 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के मास्टरमाइंट रंजन दयमारे ने कहा है कि वह शांति वार्ता के लिए तैयार है और केंद्र सरकार यदि इस वार्ता के लिए तैयार हो जाती है तो वह उसके कमांडरों और कैडरों के आत्मसमर्पण की व्यवस्था करेगा।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पुलिस अधीक्षक एन. एस. खरायत ने आईएएनएस से एक विशेष बातचीत में कहा, "रंजन दयमारे ने बताया है कि वह वार्ता को इच्छुक है। उसने यह भी कहा है कि वार्ता की स्थिति में वह अपने समर्थकों के आत्मसमर्पण की व्यवस्था भी करेगा।"
असम में 30 अक्टूबर, 2008 को हुए सिलसिलेवार नौ विस्फोटों की जांच का जिम्मा खरायत को सौंपा गया था। इन विस्फोटों में लगभग सौ लोग मारे गए थे और 500 से अधिक घायल हुए थे।
उन्होंने कहा, "दयमारे ने स्वीकार किया है कि सिलसिलेवार बम धमाकों में उसी का हाथ था। इसमें युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) और हरकल-उल-जिहाद इस्लामी (हूजी) या किसी अन्य संगठन का हाथ नहीं था।"
दयमारी को गत एक मई को बांग्लादेश के अधिकारियों ने असम पुलिस के हवाले किया था। इसके बाद से वह 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में है। इसकी मियाद 14 मई को खत्म हो रही है।
उन्होंने बताया, "विस्फोटों की योजना जून, 2008 में बनाई गई थी और इसकी तैयारी के लिए सितम्बर में दयमारी ने अपने दो गुर्गो को बांग्लादेश से गुवाहाटी भेजा।"
खरायत के मुताबिक दयमारे अपने संगठन की हनक से केंद्र सरकार को अवगत कराना चाहता था। उसे इन विस्फोटों में मारे गए लोगों के प्रति कोई खेद नहीं है।
उन्होंने कहा कि एनडीएफबी के अभी भी 64 कैडर बांग्लादेश के खगेरछेरी क्षेत्र में है जबकि म्यांमार में उसके 34 कैडर हैं।
खरायत ने दयमारी को शांत और बुद्धिमान व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा, "पूछताछ के दौरान वह कभी भी घबराया नहीं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।