हंगामे के बीच परमाणु दायित्व विधेयक लोकसभा में पेश (लीड-1)
नई दिल्ली, 7 मई (आईएएनएस)। सरकार ने संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को विपक्ष के जबरदस्त हंगामे के बीच विवादास्पद असैन्य परमाणु दायित्व विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य इसे 'असंवैधानिक' करार देते हुए वाक-आउट कर गए।
भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने सदन को बताया, "यह संविधान के अनुच्छेदों के विपरीत है। यह गैर कानूनी और असंवैधानिक है।" पूर्व विदेश मंत्री सिन्हा ने सरकार पर अमेरिकी दबाव में काम करने का आरोप लगाया।
भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने कानून के सामथ्र्य पर सवालिया निशान उठाया।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के गुरूदास दासगुप्ता ने कहा, "मैं इसका पूर्णत: विरोध कर रहा हूं।"
मार्च में संसद के बजट सत्र के पहले चरण में विपक्ष के रवैये को देखते हुए सरकार ने इस विधेयक को पेश करना टाल दिया था।
इस कानून का पारित होना उन गिने-चुने आखिरी कदमों में शुमार है जिन्हें पूरा किया जाना भारत-अमेरिका के बीच संपन्न 1-2-3 असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को लागू करने के लिए अनिवार्य है।
इस विधेयक के अनुसार किसी भी परमाणु दुर्घटना की स्थिति में परमाणु संयंत्र के ऑपरेटर को अधिकतम 500 करोड़ रुपये का हर्जाना देना होगा।
सरकार ने विपक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया है कि परमाणु दायित्व विधेयक विदेशी दबाव में लाया गया है। इस विधेयक को जांच के लिए संसदीय स्थायी समिति के पास भी भेजा जा सकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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