पाक अखबारों में कसाब की सजा नहीं बनी सुर्खियां
शुक्रवार को पाकिस्तानी अखबारों में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले को प्रमुखता दी गई।
पाकिस्तानी समाचार पत्रों ने संपादकीय में भी कसाब के बारे में कुछ भी नहीं लिखा। पाक मीडिया के इस कदम से कोई भी हैरत में नहीं है क्योंकि ऐसी खबरों पर अक्सर एक-दो दिन बाद प्रतिक्रिया पढ़ने को मिलती है।
पाकिस्तानी समाचार पत्र 'डॉन' में नई दिल्ली स्थित अपने संवाददाता ने कसाब मामले पर टिप्पणी की है। संवाददाता ने कहा, "कसाब को मृत्युदंड की सजा देकर भारतीय अदालत ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच के संबंधों में एक सबसे खराब अध्याय को खत्म कर दिया है वहीं भारत सरकार ने संकेत दिया है कि देश की आंतरिक सुरक्षा को देश के मध्य और पूर्वी हिस्से में सक्रिय नक्सलियों से ज्यादा खतरा है न कि सीमा पार से..।"
कसाब मामले में 'द न्यूज' ने भी 400 शब्दों की एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। समाचार पत्र के अनुसार पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय इस मसले पर कोई भी टिप्पणी करने से पूर्व फैसले का अध्ययन करेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।