बेटी ने कहा, अदा हुई पिता की मौत की कीमत
वैशाली ने कहा, "मेरे पिता के बलिदान की कीमत मिल गई है।" वैशाली शहीद सहायक उप निरीक्षक तुकाराम ओम्बाले की बेटी हैं। ओम्बाले ने 26-27 नवंबर, 2008 की रात कसाब से अकेले ही एके-47 छीन ली थी।
वह कहती हैं, "मैं कसाब को मौत की सजा मिलने पर बहुत खुश हूं। वह इसी सजा के लायक था।" एक विशेष अदालत द्वारा कसाब को सजा-ए-मौत दिए जाने के तुरंत बाद वैशाली ने यह बात कही।
वैशाली ने पत्रकारों से कहा, "भारत सरकार को हमले के दोषी सभी आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करना चाहिए। उन्हें भी कसाब की तरह ही सजा मिलना चाहिए।"
26/11 हमले के दौरान ओम्बाले निहत्थे थे लेकिन उन्होंने कसाब को जिंदा पकड़वाने में मदद की। कसाब मुंबई पर हमला करने वाले 10 आतंकवादियों में से अकेला जीवित आतंकवादी है।
ओम्बाले ने कसाब की बंदूक छीनने की कोशिश कर अन्य लोगों को उसे गिरफ्तार करने में मदद की थी लेकिन कसाब ने कई गोलियां चला उनकी हत्या कर दी थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।