'हत्या की मशीन' कसाब मृत्युदंड का पात्र : निकम (लीड-2)
विशेष न्यायाधीश एम.एल.ताहिलयानी ने कसाब को सोमवार को दोषी करार दिया था।
निकम ने मंगलवार को कहा, "कसाब के लिए अधिकतम सजा मृत्युदंड और न्यूनतम आजीवन कारावास है।"
निकम ने कहा, "मैं कसाब के लिए सजा-ए-मौत चाहूंगा। यह बदले की भावना नहीं है और न ही हम बर्बर न्याय चाहते हैं.. बल्कि न्याय मिलना चाहिए।"
कसाब के मामले में निकम ने कहा यह सिर्फ लोगों की हत्या का मामला नहीं है बल्कि जिस बर्बर तरीके से इसे अंजाम दिया गया उसने समाज के सामूहिक चेतना को हिलाकर रख दिया।
उन्होंने कहा कि कसाब ने लोगों की केवल हत्या ही नहीं की बल्कि इस कृत्य का मजा भी ले रहा था। यह उसके अनैतिक व्यवहार और मानव जीवन की पूर्ण उपेक्षा को दर्शाता है।
कसाब को 'आदमी के वेष में सांप', 'शैतान' और रावण बताते हुए निकम ने कहा कि वह मानवता के नाम पर कलंक है।
अदालत से बाहर संवाददाताओं से निकम ने कहा कि कसाब ने जिस क्रूरता का परिचय दिया है वह जानवरों से भी बदतर है। 26 नवंबर 2008 की रात जब वह छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पहुंचा तो ज्यादा भीड़ न देखकर दुखी हो गया।
उन्होंने कहा कि कसाब और उसका सहयोगी अबू इस्माइल ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारना चाहते थे लेकिन उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हुई। इसलिए वह दुखी हो गए थे। यह उनके अंदर 'पशु की भावना' को प्रदर्शित करती है।
विशेष अदालत के न्यायाधीश एम. एल. ताहिलयानी ने सोमवार को आर्थर रोड जेल में बनी विशेष अदालत में कसाब और अन्य आरोपियों पर फैसला सुनाया था। अपने फैसले में उन्होंने 23 वर्षीय कसाब को दोषी ठहराया और फहीम और सबाउद्दीन को संदेह का लाभ देते हुए निर्दोष करा दिया था। इन दोनों पर मुंबई हमले में पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद करने का आरोप था। ये दोनों भारतीय नागरिक हैं।
कसाब को छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर दोषी ठहराया गया, जिसमें वह एक एके-47 राइफल और पीठ पर बैग लादे दिख रहा था। अभियोजन पक्ष ने कसाब के खिलाफ 653 गवाह पेश किए थे।
उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर, 2008 की रात पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने मुंबई के विभिन्न स्थानों पर हमला बोला था। लगभग 60 घंटे तक इन आतंकवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच चले संघर्ष में 166 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 244 घायल हो गए थे।
इन 10 आतंकवादियों में से नौ को मार गिराया गया था जबकि कसाब को जिंदा पकड़ने में सुरक्षाबलों को सफलता मिली थी। इन आतंकवादियों ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्थित वर्ल्ड हैरिटेज बिल्डिंग, ताजमहल पैलेस, टॉवर होटल, होटल ओबेरॉय ट्राइडेंट, कामा हॉस्पिटल और नरीमन हाउस को निशाना बनाया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।