काठमांडू में महामारी का भय, माओवादियों की हड़ताल जारी
नेपाल में माओवादियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल मंगलवार को तीसरे दिन भी जारी रही। काठमांडू में साफ-सफाई और स्वच्छ जल के अभाव के कारण बड़ी संख्या में माओवादी कार्यकर्ता बीमार हो गए हैं। पश्चिमी नेपाल के डांग इलाके से भी ऐसी ही शिकायतें आ रही है।
उधर, माओवादियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के खत्म के होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं क्योंकि सरकार और माओवादी दोनों ही अपनी-अपनी जगह अडिग हैं।
प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल द्वारा इस्तीफा देने से इंकार करने के बाद दो मई से माओवादियों की हड़ताल जारी है। हड़ताल की वजह से पूरे देश में जनजीवन प्रभावित हुआ है।
माओवादी पार्टी के प्रमुख पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' ने हड़ताल को देश में शांति प्रक्रिया, संविधान और संविधान सभा की रक्षा के लिए आवश्यक करार दिया है।
हड़ताल में शामिल कई माओवादी अस्वस्थ होने कारण प्रदर्शन से दूर हो गए। उन्होंने शिकायत की है कि उन्हें ढंग से भोजन नहीं मिल रहा है।
एक प्रदर्शनकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, "कुछ दिनों से हमें भोजन में केवल चावल मिल रहा है। मैं इसे नहीं खा सकता..। हमें जो आज्ञा दी जाती है, वैसा करना पड़ता है.हम दिन भर आदेशों का पालन करते रहते हैं। "
प्रदर्शनकारियों में शामिल कुछ किसानों ने कहा कि वे अब गांव लौटना चाहते हैं।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की प्रवक्ता गौरी प्रधान ने काठमांडू में महामारी फैलने की आशंका जताई है। उन्होंने बताया कि राजधानी में गंदगी फैल गई है। पिछले वर्ष हैजा से यहां लगभग 300 लोगों की मौत हुई थी।
माओवादियों की हड़ताल का कई इलाकों में विरोध भी हो रहा है। चितवन और पोखरा में किसानों ने हड़ताल का विरोध किया है। कुछ किसानों ने विरोधस्वरुप सब्जियों को सड़कों पर फेंक दिया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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