एटीएस को सौंपा गया अजमेर बम धमाके का आरोपी
एटीएस ने कड़ी सुरक्षा के बीच गुप्ता को अजमेर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुधीर पारिक की अदालत में पेश किया। अदालत ने एटीएस के अनुरोध पर गुप्ता को बारह दिन के रिमांड पर भेज दिया। अदालत से रिमांड मिलने के बाद एटीएस पूछताछ के लिए अभियुक्त को गुप्त स्थान पर ले गई।
एटीएस सूत्रों ने बताया कि गुप्ता ने आरंभिक पूछताछ में स्वयं को एक हिंदूवादी संगठन का पदाधिकारी बताया है। उन्होने बताया कि दरगाह में बम धमाके के दौरान जिंदा मिले एक बम में प्रयुक्त किया गया सिम, गुप्ता ने बनवारी लाल के फर्जी नाम और पते से , पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर और झारखंड के जामताड़ा से खरीदने की जानकारी दी है।
एटीएस ने गुप्ता को बुधवार उस समय हिरासत में लिया जब वह बीमार मां की तबीयत जानने के बाद अजमेर से आगरा रवाना होने की तैयारी में था। एटीएस पिछले कई दिनों से अभियुक्त का पीछा कर रही थी।
एटीएस सूत्रों ने गुप्ता के अलावा किसी और संदिग्ध आरोपी को हिरासत में लेने से फिलहाल इंकार किया है। आपको बता दें कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुदिन हसन चिश्ती की दरगाह में साल 2007 में हुए बम धमाके में एक व्यक्ति मारा गया था और अठारह लोग घायल हो गए थे।