चीनी मूल्य और सांसद कोटे पर राज्यसभा में हंगामा
सदन में केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के बयान के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की बृंदा करात ने कहा, "सभापति महोदय, मंत्री कहते हैं कि चीनी की कीमतें घट गई हैं जबकि बाजार में अभी भी चीनी 35 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से मिल रही है।"
इससे पहले पवार ने कहा, "पिछली बार जब हमने इस मसले पर चर्चा की थी तो चीनी की कीमतें 50 रुपये प्रति किलोग्राम थीं। अब 35 रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे आ गई है। अब 15 रुपये के भाव से चीनी बेचे जाने के दिन बीत गए और इससे गन्ना किसानों को भी फायदा नहीं होगा।"
इस पर सदन में हंगामा शुरू हो गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बलबीर पुंज ने कहा, "चीनी का मूल्य 15 रुपये से सीधे 50 रुपये तक पहुंच गया। इसके बार में क्या कहेंगे? इससे किसान नहीं बल्कि चीनी मिलों के मालिक कमाई कर रहे हैं।"
चीनी के अलावा केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों के कोटा वापस लिए जाने को लेकर भी हंगामा हुआ। इस पर हो रहे हंगामे के बीच मानव संसाधान विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, "शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत नवोदय और केंद्रीय विद्यालयों में 25 फीसदी सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित हो जाएंगी। ऐसे में इन विद्यालयों की 10 लाख सीटों में 250,000 सीटें गरीब बच्चों के लिए होंगी।"
सिब्बल के इस बयान के बावजूद सदस्यों का हंगामा नहीं थमा। समाजवादी पार्टी के कमाल अख्तर और असम गण परिषद के बीरेंद्र प्रसाद बैश्य ने कोटा जारी रखने की मांग की। सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि अगर सदस्य इस मसले पर चर्चा चाहते हैं तो इसके लिए वे नोटिस दे सकते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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