दक्षेस एक आधा भरा हुआ गिलास : मनमोहन
थिम्पू, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। दक्षेस के 25 वर्षो के अनुभव को आधे भरे हुए गिलास के समान बताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को जोर दिया कि दक्षिण एशिया को साथ लिए बिना 21वीं सदी एशिया की सदी नहीं हो सकती।
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के 16वें शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, "दक्षेस के ढाई दशक के समय को देखते हुए हम दावा कर सकते हैं कि गिलास आधा भरा हुआ है और खुद को बधाई दे सकते हैं या हम स्वीकार कर सकते हैं कि गिलास आधा खाली है और खुद के सामने चुनौती रख सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि हमें क्षेत्रीय सहयोग, क्षेत्रीय विकास और क्षेत्रीय एकता के गिलास को आधा खाली स्वीकार कर अपने सामने चुनौती रखनी चाहिए।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दुनिया के मंचों पर दक्षिण एशिया के लोगों की आवाज जितनी मजबूत होनी चाहिए उतनी है नहीं।
उन्होंने कहा कि यदि दक्षिण एशिया ने विकास नहीं किया तो 21वीं सदी एशियाई सदी नहीं हो सकती।
सिंह ने कहा कि क्षेत्र के बीच व्यापार और परिवहन तथा दूरसंचार संपर्क बढ़ रहा है लेकिन पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया की तुलना में दक्षेस देशों के बीच व्यापार और निवेश प्रवाह कम है। यह क्षमता से भी कम है।
सिंह ने कहा, "हमने क्षेत्रीय सहयोग के लिए संस्थाएं स्थापित की लेकिन उनको अभी तक अधिक सक्रिय भूमिका निभाने लायक क्षमतावान नहीं बनाया।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि सहयोग का अर्थ शिखर सम्मेलन की घोषणाएं और अधिकारी स्तर की बैठकें नहीं हैं। क्षेत्रीय सहयोग में लोगों, वस्तुओं, सेवाओं और विचारों की मुक्त आवाजाही होनी चाहिए। यह हमारी साझा विरासत की फिर से खोज और समान भविष्य में मददगार होना चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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