'भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध हास्यास्पद'
समाचार पत्र 'डेली स्टार' ने अपने संपादकीय में लिखा है, "हमें निश्चित ही विश्वभर से अच्छी फिल्में मंगानी चाहिए। अंग्रेजी, रूसी, कोरियाई, जापानी और अन्य फिल्में लोगों को प्रभावित करती रही हैं। हमें उन्हें देखने के अवसर से वंचित क्यों रहना चाहिए।"
कभी पूर्वी पाकिस्तान रहे बांग्लादेश में भारतीय फिल्में बहुत लोकप्रिय हैं। वर्ष 1965 में भारत-पाकिस्तान विवाद के बाद से भारतीय फिल्मों के आयात पर रोक लगी हुई है।
वर्ष 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद भी यह प्रतिबंध जारी है। भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन को अनुमति देने से ढाका के छोटे से फिल्मोद्योग, ढालीवुड के लिए पैदा होने वाले खतरे के डर के मद्देनजर यह प्रतिबंध जारी रखा गया है।
समाचार पत्र में कहा गया है कि विदेशी फिल्मों को दूर रखना वाकई हास्यास्पद है जबकि इन दिनों दुनियाभर में लोग घर पर ही वीडियो पर सभी फिल्में देख रहे हैं।
समाचार पत्र ने प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के प्रतिबंध जारी रखने के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार ने प्रतिबंध हटाने और नई आयाता-निर्यात नीति बनाने के अपने ही निर्णय को उलट दिया है।
फिल्मी दुनिया के कई लोगों द्वारा विरोध किए जाने के बाद सरकार ने अपना निर्णय बदल दिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।