स्वस्थ रहने के लिए हास्य है बेहतर व्यायाम
लोमा लिंडा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एलाइड हेल्थ एण्ड मेडिसिन (एसएएचपी) के प्रिवेंटिव केयर विशेषज्ञ और शोधकर्ता ली एस. बर्क ने अपने इस शोध में बताया है कि एक प्रसन्न करने वाले हास्य पर शरीर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं करता है, जिससे शरीर के विभिन्न अवयवों के लिए काम करने की स्थितियां अनुकूल हो जाती हैं।
बर्क और उनके सहयोगियों ने पहली बार साबित किया कि हास्य, अंत:स्त्रावी तंत्र में हार्मोन्स को संतुलित करने में मदद करता है। इसके अलावा यह तनाव बढ़ाने वाले कार्टिसोल और एपिनेफ्रिन रसायनों की मात्रा को घटा देता है।
साथ ही शोध में बताया गया है कि हास्य शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र पर भी सकारात्मक असर डालता है। यह शरीर में रोग प्रतिरोधक कोशिकाओं की संख्या बढ़ा देता है। यह ट्यूमर कोशिकाओं को खत्म करने वाली टी-कोशिकाओं को भी बढ़ने में मदद करता है।
उन्होने बताया कि बार-बार हास्य करने से शरीर पर उतना ही सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जितना कि शारीरिक व्यायाम करने का होता है।
इस तरह का हास्य मन को प्रसन्न करता है, तनाव पैदा करने वाले हार्मोन्स घटाता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और बुरे कोलेस्ट्राल को घटाकर अच्छे कोलेस्ट्राल में बढ़ोतरी करता है।
बर्क ने कहा, "हमने शोध के दौरान महसूस किया कि हम प्रतिदिन जैसा व्यवहार करते हैं और जैसी भावनाएं पैदा करते हैं, वे सब हमारे शरीर को लगातार प्रभावित करती हैं।"
बर्क ने यह जानकारी कैलिफोर्निया के एनाहेम की लोमा लिंडा विश्वविद्यालय में आयोजित प्रायोगिक जीवविज्ञान सम्मेलन में दी।
इंडो-एशियन न्यूज एजेंसी।