सोशल नेटवर्किं ग : किशोरों ने विकसित की गुप्त भाषा
एक वेबसाइट 'टेलीग्राफ डॉट को डॉट
यूके' के अनुसार दरअसल किशोर नहीं चाहते कि उनकी पार्टी और शराब पीने के बारे में उनके माता-पिता या अन्य लोगों को पता चले इसलिए वह यह तरीका अपना रहे हैं। अब अगर उन्हें अपने दोस्त से शराब पीने के बारे में बात करनी है तो वह सीधेतौर पर कुछ लिखने के बजाय 'गेटिंग एडब्ल्यूआई' या 'मैड विद इन' जैसे कूटभाषा का प्रयोग करते हैं।
किसी रिश्ते के बारे में अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करने के लिए 'टेकेन' या 'रिडनेक' जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है। इन शब्दों का मतलब शर्म महसूस करना होता है।
इसी तरह इन साइटों पर लड़कियां 'लीगल' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करती हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि वह 16 साल से ऊपर हैं और उन्हें यौन संबंध बनाने की कानूनी अनुमति प्राप्त है।
स्टर्लिग विश्वविद्यालय से परास्नातक छात्र लीसा व्हीट्टाकर ने बेबो पर 16 से 18 वर्ष के किशोरों के संदेशों का अध्ययन किया और पाया कि वे अपनी गतिविधियों को गुप्त रखने के लिए ऐसा करते हैं।
वह एक उदाहरण देते हुए कहती हैं कि एक लड़की को इसलिए नौकरी से निकाल दिया गया क्योंकि उसके बॉस ने नशे की हालत वाले उसके चित्र वेबसाइट पर देख लिए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।