भारत, चीन में ऊंची रहेगी विकास दर (लीड-1)
वाशिंगटन, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के एक अधिकारी ने कहा कि भारत और चीन में इस वर्ष विकास दर ऊंची बनी रहेगी और महंगाई में वृद्धि तथा अत्याधिक पूंजी प्रवाह की चुनौतियों के बावजूद एशिया वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार का नेतृत्व करता रहेगा।
भारत और चीन क्रमश: 8.8 तथा 10 प्रतिशत की दर से विकास करेंगे।
आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग के निदेशक अनूप सिंह ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, "वर्ष 2009 के अंत तक अधिकांश एशियाई देशों में उत्पादन संकट से पहले के स्तर पर आ गया, उन अर्थव्यवस्थाओं में भी जहां संकट का सबसे अधिक प्रभाव हुआ था।"
एक संवाददाता सम्मेलन में सिंह ने कहा कि हाल के वर्षो की सबसे बड़ी वैश्विक मंदी के बाद एशिया अर्थव्यवस्था में सुधार का नेतृत्व कर रहा है। पिछले वर्ष और वर्ष 2010 की पहली तिमाही में एशिया में गतिविधियां काफी तेज हुई हैं।
उन्होंने कहा कि एशिया में अर्थव्यवस्था में सुधार विभिन्न तरीकों से हुआ है। घरेलू अर्थव्यवस्था पर निर्भर चीन, भारत और इंडोनेशिया जैसी और निर्यात आधारित अर्थव्यवस्थाओं दोनों में तेज वृद्धि हुई है।
सिंह ने कहा कि दो कारणों से एशिया के मजबूत प्रदर्शन को सहायता मिली है। इनमें पहला वैश्विक और घरेलू साजो सामान की उपलब्धता है, जिसने एशिया के औद्योगिक उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा दिया। दूसरा कारण निजी घरेलू मांग का बने रहना है।
यह पूछे जाने पर कि बढ़ती महंगाई दक्षिण एशिया के लिए गंभीर खतरा पेश करेगी, सिंह ने कहा कि यह आश्चर्यजनक नहीं है कि एशिया के अधिकांश देशों में मांग-आपूर्ति अंतर अब कम होने लगा है। उम्मीद है कि भारत सहित अन्य देशों में इस वर्ष के अंत तक मांग-उत्पादन अंतर सामान्य हो जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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