प्रोटीन में आनुवांशिक दोष और दिल का दौरा!
स्वीडन के गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय के साहलग्रेंस्का युनीवर्सिटी हॉस्पिटल (एसयूएच) में यह नया शोध हुआ है।
जब हृदय से शरीर के अन्य भागों के लिए रक्त का बहाव रुक जाता है तो दिल के दौरे की स्थिति उत्पन्न होती है। इससे व्यक्ति अचेतावस्था में पहुंच जाता है और रक्त की पर्याप्त आपूर्ति न होने से सांस रुकने लगती है।
एसयूएच द्वारा की गई जांच में एक नई विसंगति का पता चला है। शोध में यह भी स्पष्ट हुआ है कि ग्लाईकोजेनिन प्रोटीन में दोष के कारण मांसपेशी कोशिकाओं में ऊर्जा का संकट पैदा हो जाता है।
यह प्रोटीन ग्लाइकोजन के निर्माण को प्रेरित करता है। यह मांसपेशी कोशिकाओं के लिए कार्बोहाइड्रेट उपलब्ध कराता है।
ग्लाईकोजेनिन सबसे पहले शर्करा के करीब 10 अणुओं की एक छोटी सी श्रृंखला बनाता है। बाद में यह श्रृंखला अन्य एंजाइमों की मदद से ग्लाईकोजन में बदल जाती है। अत्यधिक मांसपेशीय कार्य के दौरान ग्लाईकोजन में मौजूद शर्करा के अणु ऊर्जा उपलब्ध कराते हैं।
शोधकर्ता एंडर्स ओल्डफॉर्स के मुताबिक प्रोटीन में आनुवांशिक दोष या विसंगति होने से यह शर्करा अणुओं की शुरुआती श्रृंखला नहीं बना पाता है।
ओल्डफॉर्स ने कहा कि इससे ग्लाईकोजन की कमी हो जाती है और मांसपेशी कोशिकाओं में ऊर्जा संकट पैदा हो जाता है, इसके परिणाम दिल का दौरा हो सकता है।
एसयूएच की विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस शोध का मतलब है कि हृदय रोगों की जांच के दौरान इस विसंगति की भी जांच होनी चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।