मप्र में तबादला नीति को मंजूरी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सोमवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में वर्ष 2009 में हुए मंथन की सिफारिशों का समावेश कर स्थानांतरण नीति को मंजूरी दे दी गई। इस नीति के मुताबिक तमाम विभाग अपनी प्रशासनिक आवश्यकता को ध्यान में रखकर तबादले करेंगे। इसके अलावा जो विभाग अपनी विशिष्टता के मुताबिक नीति बनाना चाहते हैं, वे सामान्य प्रशासन विभाग की सहमति से बना सकेंगे परंतु स्थानांतरण नीति के मुख्य प्रावधानों से छेड़छाड़ नहीं कर सकेंगे।
मंत्रिपरिषद के फैसलों की जानकारी देते हुए संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले साल भर करने पर प्रतिबंध लागू रहेगा। राज्य स्तर पर अधिकारियों के स्थानांतरण सामान्य विभागीय प्रक्रिया के अंतर्गत किए जाएंगे। इसी तरह द्वितीय, तृतीय श्रेणी के अधिकारियों व कर्मचारियों के अंतर जिला स्थानांतरण विभागाध्यक्ष स्तर से, विभागीय मंत्री के अनुमोदन के उपरांत, प्रथम श्रेणी के अधिकारियों के स्थानांतरण राज्य सरकार स्तर से, विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव, एवं विभागाध्यक्ष के प्रस्ताव पर स्थानांतरण विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद किया जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि जिले के भीतर के स्थानांतरण कलेक्टर द्वारा प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद होंगे। पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले पुलिस स्थापना बोर्ड के दिशा निर्देशों के अनुसार ही किए जाएंगे। वहीं एक ही स्थान पर पदस्थापना के तीन साल पूरे हो जाने के उपरांत तबादला किया जाएगा।
इस नीति का ब्योरा देते हुए उन्होंने बताया कि जो कर्मचारी एक साल के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले है, पति-पत्नी अलग-अलग पदस्थ है और जो गंभीर रोगों से पीड़ित है उनके लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।