ब्रिक और इब्सा का भारत को समर्थन
मनीष चांद
नई दिल्ली, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार की रुकी पड़ी मुहिम ने फिर से जोर पकड़ लिया है। इब्सा और ब्रिक शिखर बैठकों ने तथा जी-4 की पहल का समर्थन कर रहे दक्षिण अफ्रीका ने भारतीय अधिकारियों से कहा है कि यह मामला समय रहते अपने उचित निष्कर्ष तक पहुंच जाना चाहिए।
ब्राजीलिया में गुरुवार को आयोजित भारत-ब्राजील-भारत-चीन (इब्सा) और ब्राजील-रूस-भारत-चीन (ब्रिक) शिखर बैठकों के समापन के मौके पर वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा, "स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों में सुरक्षा परिषद के विस्तार की पहल ने जोर पकड़ लिया है। इसे समय रहते उचित निष्कर्ष पर पहुंचाया जाना चाहिए।"
अधिकारियों ने वर्ष 2011-2012 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दक्षिण अफ्रीका के लिए एक अस्थायी सीट हेतु 53 सदस्यीय अफ्रीकी संघ (एयू) द्वारा फरवरी में अदीस अबाबा में आयोजित शिखर सम्मेलन में किए गए समर्थन को संयुक्त राष्ट्र के सुधार पर अफ्रीकी संघ की सहमति की दिशा में एक प्रमुख कदम बताया है।
अधिकारियों ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय को सुरक्षा परिषद के विस्तार के लिए अंतर-सरकारी बातचीत हेतु लिखे गए एक पत्र को मिले दक्षिण अफ्रीका के समर्थन को इस बात का संकेत बताया है कि लंबे समय से रुकी संयुक्त राष्ट्र के सुधार की मुहिम तेज हो गई है।
वाणिज्य व उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री के विशेष विमान में ब्राजीलिया से लौटने के क्रम में शनिवार को संवाददाताओं को बताया था कि एयू और जी-4 राष्ट्रों (भारत-ब्राजील-जर्मनी और जापान) के बीच कोई विवाद नहीं है।
शर्मा ने कहा था कि दक्षिण अफ्रीका जी-4 के साथ है, यह अलग बात है कि वह औपचारिक रूप से इस समूह का हिस्सा नहीं है।
ब्रिक की पहल के पीछे अपने सामूहिक आर्थिक वजन को रखते हुए चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ और रूसी राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव ने ब्रिक शिखर बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत और ब्राजील के लिए स्थायी सीट और दोनों की बड़ी भूमिका का समर्थन किया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।