कम नहीं हुई भारत-अमेरिकी रिश्तों की गर्माहट : मनमोहन
मंगलवार को यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि राष्ट्रपति जार्ज बुश के साथ उनके संबंध बेहतर थे, मनमोहन ने संवाददाताओं से कहा, "राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं। इसलिए मेरे विचार से इस बिंदु पर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।"
यह पूछे जाने पर कि ओबामा के साथ उनके व्यक्तिगत संबंध क्या वास्तव में ठोस कार्रवाई में रूपांतरित होंगे, मनमोहन ने कहा, "राजकाज से जुड़े मामलों में मेरा मानना है कि किसी को सीधे ऐसे निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए जिसकी जमीनी हकीकत से पुष्टि न हो।"
उन्होंने कहा, "हमारे संबंध बहुआयामी हैं। संबंधों का आर्थिक पक्ष महत्वपूर्ण है। संबंधों के कई अन्य आयाम भी हैं। दोनों देश कई क्षेत्रीय मंचों पर एक साथ काम कर रहे हैं। इसलिए यह एक एकांगी संचालन नहीं है।"
मनमोहन ने कहा कि अमेरिका सुपर पॉवर है। वह वैश्विक मामलों में एक बड़ा खिलाड़ी है और दुनिया सामने उपस्थित समस्याओं के व्यावहारिक समाधान के लिए भारत उसके साथ मिलकर काम करने का इच्छुक है।
यह पूछे जाने पर कि सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर उनको अमेरिका से किस तरह की कार्रवाई की उम्मीद है, मनमोहन सिंह ने कहा, "राष्ट्रपति इस मुद्दे को प्रशासन के साथ काफी महत्व दे रहे हैं लेकिन मैं कोई भविष्यवक्ता नहीं हूं। मैं भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि चीजें अंतिम रूप से कैसा आकार लेंगी।"
प्रधानमंत्री ने अमेरिका के साथ भारत जैसे परमाणु समझौते की पाकिस्तान की मांग को अधिक महत्व नहीं देते हुए कहा, "अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हस्तक्षेप करने वाला मैं कौन होता हूं? इस मामले पर उन दोनों देशों को विचार करना है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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