5% आरक्षण के लिए गुर्जरों का जयपुर कूच
बैंसला का ये कदम इस बार बिना किसी पूर्व चेतावनी के उठाया गया। इसके चलते प्रशासन ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। गुर्जर समिति के नेता बैंसला ने रेल पटरियों पर कब्जा करने की आशंकाओं से इंकार किया है। फिर भी प्रशासन ने ऐहतियातन सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। राज्य के गृहमंत्री शांति धारीवाल हालात पर नजर रखे हुए हैं।
करीब पिछले तीन हफ्तों से बैंसला आरक्षण की मांग को लेकर जयपुर कूच की चेतावनी दे रहे थे लेकिन हर वक्त उन्हें सरकार ने वार्ता कर रोक लिया था। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता डॉक्टर रूप सिंह ने बताया कि हजारों गुर्जरों ने हिण्डौन में महापड़ाव स्थल से जयपुर की ओर कूच शुरू कर दिया।
सिंह ने कहा, "हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा। मंगलवार सुबह कर्नल बैंसला ने वार्ता के बाद वापस लौटे 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से बात कर हालात का जायजा लिया। इसके बाद उन्होने आंदोलन की आगामी रणनीति तैयार की। रणनीति के तहत बैंसला ने पहले हिण्डौन राजकीय महाविद्यालय में महापड़ाव डाले लोगों को संबोधित किया। बैंसला ने गुजरों को संबोधित करते हुए जयपुर कूच का प्रस्ताव रखा। आम सहमति के बाद सभी लोग करीब पौने बारह बजे जयपुर के लिए रवाना हुए।"
बैंसला ने कहा कि वार्ता के विफल होने की वजह धारीवाल और ऊर्जा मंत्री जितेन्द्र सिंह हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनकी पांच मांगों में से चार मांगों पर अपनी सहमति दी है लेकिन उनकी पांचवीं मुख्य मांग पांच फीसदी आरक्षण की है, जो अभी भी अटकी हुई है।