गंभीर नहीं 700 से अधिक पंजीकृत दल : चावला
चुनाव सुधार के लिए 'एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म' और इलेक्शन वॉच द्वारा आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में हिस्सा लेने आए चावला ने यह बात संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि उन्हें पक्की संख्या तो याद नहीं है लेकिन 700 से अधिक पंजीकृत ऐसे दल हैं जो चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा ही नहीं लेते। यह दल ऐसा करके किससे और किस तरह का लाभ उठा रहे हैं, इसकी आयोग को जानकारी नहीं है।
चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा न लेने वाले दलों के दोबारा पंजीयन पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि दलों के पंजीयन का अधिकार तो आयोग को है परंतु दोबारा पंजीयन का अधिकार उसके पास नहीं है। यह मामला आयोग के कार्यक्रम में कानून मंत्री के सामने भी उठाया गया था। इस पर मई-जून में चर्चा संभव है।
लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि देश के कई नेता इस तरह की मांग कर चुके हैं।
एडीआर के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में चावला ने चुनाव सुधार की चर्चा करते हुए कहा कि चुनाव में उम्मीदवार द्वारा दिए जाने वाले शपथपत्र के साथ विवरण का सारांश देने की मांग की गई है जिस पर आयोग विचार करेगा।
चावला ने कहा कि मतदान के दौरान बूथों पर कब्जे की समस्या पर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया गया है। इसकी शिकायत आने पर चुनाव निरस्त करने जैसे निर्णय के लिए भी आयोग स्वतंत्र है।
पिछले चुनाव का जिक्र करते हुए चावला ने कहा कि मतदान प्रक्रिया पर नजर रखने और निष्पक्ष मतदान कराने के लिए 40 हजार वीडियो और 60 स्टिल कैमरे लगाए गए थे। इसके साथ ही सूक्ष्म पर्यवेक्षक तैनात किए गए थे, यह क्रम आगे और बढ़ेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।