डीडीए से 2004 आवास योजना का रिकार्ड तलब
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मदन बी. लोकुर और न्यायाधीश मुक्ता गुप्ता की खंडपीठ ने डीडीए को उन लोगों के नामों की सूची पेश करने का निर्देश दिया है, जिन्हें 2004 में जारी योजना के तहत दो कमरे के फ्लैट आवंटित किए गए थे।
न्यायालय ने यह आदेश नारायण दास अरोड़ा द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान दिया। अरोड़ा का आरोप है कि फ्लैटों के आवंटन को लेकर निकाले गए ड्रॉ में व्यापक हेराफेरी हुई थी।
आरोड़ा के वकील आर.के. भारद्वाज की दलील है कि 2004 में फ्लैट पाने वालों की सूची में कई ऐसे लोगों का नाम नहीं शामिल किया गया है, जिन्हें असल में फ्लैट आवंटित हुए थे। यह सब डीडीए द्वारा की गई हेराफेरी का नतीजा है।
डीडीए ने दावा किया है कि द्वारका, मयूर विहार और रोहिणी के लिए घोषित इस एचआईजी योजना संबंधी फार्म स्वीकार करते समय बैंक ने कुछ आवेदनकर्ताओं के नाम लगभग समान से दिखने वाले संख्या के पहचान नंबर जारी किए थे।
इससे भारी संदेह पैदा हो गया था और इसी को साफ करने के लिए डीडीए ने बैंक द्वारा जारी समान से दिखने वाले नंबरों के आगे अपनी ओर से एक अंक जोड़ दिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।