ब्रिटेन में अश्वेत प्रधानमंत्री संभव !
लंदन, 18 मार्च (आईएएनएस)। ब्रिटेन और अमेरिका में जनता के रवैये का अध्ययन करने वाली एक किताब के अनुसार पिछले 50 वर्षो में सहिष्णुता के बढ़ने के कारण ब्रिटेन में अश्वेत प्रधानमंत्री के निर्वाचन का आधार तैयार हो गया है।
बहरहाल 'ब्रिटिश ओबामा' के उदय के इच्छुक लेखकों को निकट भविष्य में इसकी संभावना नहीं दिखती।
हावर्ड और मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालयों के सहयोग से इस सप्ताह प्रकाशित 'एज ऑफ ओबामा' में निष्कर्ष निकालने से पहले मिश्रित विवाहों, अश्वेत बॉस के साथ काम करने और अश्वेत राजनीतिज्ञों को वोट देने जैसे मुद्दों पर लोगों के पिछले 50 वर्षो के रवैये का अध्ययन किया गया।
आंकड़ों के अनुसार ब्रिटेन और अमेरिका में पिछले 50 वर्षो में नस्लीय दुराग्रहों में कमी आई है। किताब के लेखक हावर्ड के प्रोफेसर रॉबर्ट पुटमैन, मैसाचुसेट्स के प्रोफेसर एड फिल्डहाउस और ब्रिटिश पत्रकार टॉम क्लार्क ने कहा कि इसका श्रेय नई पीढ़ी की अधिक सहिष्णुता को है।
पुटमैन ने कहा, "अमेरिका में नस्लीय विभाजन जारी रहने के बावजूद हमने देखा कि धीरे-धीरे बढ़ती सहिष्णुता से एक अश्वेत का राष्ट्रपति बनना संभव हुआ।"
उन्होंने कहा कि अमेरिका में अश्वेत राजनेताओं की एक नई पीढ़ी का उदय हो रहा है, जिसने इस बदलाव से पैदा अवसरों का लाभ उठाना शुरू कर दिया है।
इसके उलट ब्रिटिश हाउस ऑफ कामंस में अश्वेतों का प्रतिनिधित्व नाममात्र का है और स्थानीय निकायों में तो उनकी सुनवाई ही नहीं है। यह 'ब्रिटिश ओबामा' के उदय में एक बड़ी बाधा है।
जून में होने वाले आगामी संसदीय चुनाव को देखते हुए कई सांसद संसद में अश्वेत और एशियाई मूल के सदस्यों की संख्या को बढ़ाने के लिए अभियान चला रहे हैं।
ब्रिटेन की संसद के कुल 646 सदस्यों में से केवल 15 अश्वेत हैं जबकि देश के सामान्य आबादी अनुपात के अनुसार अल्पसंख्यकों की जनसंख्या के हिसाब से 58 सदस्य अश्वेत या एशियाई मूल के होने चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।