बिखर गया उल्फा, फिर मजबूत नहीं हो सकता
तेजपुर, 17 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय सेना के एक शीर्ष कमांडर ने बुधवार को कहा है कि प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) लगातार जन विरोधी अभियान चलाने और आपसी कलह की वजह से असम में अपनी जमीन खो चुका है।
चौथी कार्प्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी)
लेफ्टिनेंट जनरल ज्ञान भूषण ने कहा, "उल्फा के ज्यादातर शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार कर लिए या मार दिए जाने की वजह से संगठन कमजोर हो गया है। उल्फा बिल्कुल अस्त-व्यस्त हो चुका है।"
उत्तरी असम के तेजपुर में स्थित चौथी कार्प्स के मुख्यालय पर जीओसी एक कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे।
कमांडर ने कहा,"उल्फा अब अपनी पहली वाली स्थित में नहीं रहा और न ही वह फिर से मजबूत हो सकता है। पिछले कुछ वर्षो से संगठन महत्वपूर्ण मौकों जैसे बिहू और गणतंत्र दिवस के अवसर पर खलल नहीं डाल रहा है। जब उल्फा अपने उभार पर था तो उसके सदस्य किसी पर्व को सामान्य तरीके से मनाने नहीं देते थे।"
जीओसी ने कहा कि उल्फा का पतन केवल सैनिक कार्रवाई का परिणाम नहीं है बल्कि उसे स्थानीय लोगों के समर्थन का अभाव भी इसका एक बड़ा कारण रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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