खाने के समय अपनत्व दमा पीड़ित बच्चों के लिए मददगार
ईलिनोइस विश्वविद्यालय की एक प्रोफेसर बारबरा एच. फीसे कहती हैं कि खाने के समय परिवारवालों के बीच सहयोगात्मक बातचीत से बच्चों के अंदर सुरक्षा की भावना पनपती है जिससे चिंता के लक्षणों में कमी आती है।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि बच्चों के फेफड़े के कामकाज में सुधार होने लगता है और दमा से निजात पाने में मदद मिलती है।
एक अध्ययन के तहत दमे से पीड़ित नौ से 12 साल के 63 बच्चों से एक प्रश्नावली को भरवाया गया। इसमें उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। साथ ही उनके अंदर चिंता के स्तर का भी पता लगाया गया।
इसके बाद वीडियो कैमरे से खाने के समय परिवारों की स्थिति को रिकॉर्ड किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि चिंता की तीव्रता और फेफड़ों के कामकाज के बीच गहरा संबंध है।
फीसे ने बताया कि दमे से पीड़ित उन बच्चों में चिंता की तीव्रता ज्यादा रहती है जिनके परिवार में खाने के समय लोग आपस में बहुत कम बातचीत करते हैं और माहौल सरल नहीं होता।
इसके विपरीत दमे के बावजूद उन बच्चों में चिंता की तीव्रता ज्यादा नहीं होती जिनके परिवारों में खाने के समय लोग एक-दूसरे से बातचीत में रुचि दिखाते हैं और माहौल सहयोगात्मक होता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।