मप्र में इंदौर के बच्चे सबसे सेहतमंद
विधानसभा में गुरुवार को प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री रंजना बघेल ने बच्चों के कुपोषित होने का ब्योरा देते हुए बताया कि कुपोषण से बचाने के लिए बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषण आहार दिया जाता है, इतना ही नहीं गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पोषण पुनर्वास केंद्र बनाए गए है।
कांग्रेस विधायक महेंद्र सिंह कालूखेड़ा के एक सवाल के जबाव में बघेल ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंडों के आधार पर प्रतिमाह बच्चों का वजन लेने का प्रावधान है। अक्टूबर 2009 में लिए गए वजन के मुताबिक प्रदेश में लगभग 57 प्रतिशत बच्चे सामान्य श्रेणी के पाए गए वहीं 43 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं।
उन्होंने कहा कि इनमें सबसे अच्छा हाल इंदौर का है जहां 66 प्रतिशत बच्चे सामान्य श्रेणी के पाए गए। शेष 34 प्रतिशत बच्चे कुपोषित पाए गए, जिनमें श्रेणी एक में 25, श्रेणी दो में नौ और श्रेणी तीन व चार में दशमलव 25 प्रतिशत बच्चे हैं।
सेहतमंद बच्चों के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृहनगर सीहोर दूसरे नंबर पर है, जहां के 65 प्रतिशत से अधिक बच्चे स्वस्थ हैं। शेष 34 प्रतिशत बच्चे कुपोषण की गिरफ्त में हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।