महिला आरक्षण विधेयक खतरा मोल लेने जैसा था : सोनिया गांधी
समाचार चैनल एनडीटीवी के साथ एक विशेष बातचीत में सोनिया गांधी ने कहा कि जिन पार्टियों ने विधेयक को पारित कराने में मदद की है, वह उन सभी राजनीतिक दलों (वामपंथी दल, भारतीय जनता पार्टी और गंठबंधन में साझेदार पार्टियों) की आभारी हैं।
गांधी ने आशा व्यक्त की कि "जिन लोगों ने हमें समर्थन नहीं किया है वे आगे चल कर विधेयक की अहमियत को समझेंगे।" अब इस विधेयक को लोकसभा में पारित कराया जाएगा। गांधी खासतौर से तृणमूल कांग्रेस के सांसदों की अनुपस्थिति को लेकर चकित हैं, क्योंकि उसकी अध्यक्ष ममता बनर्जी कैबिनेट में चर्चा के दौरान विधेयक को समर्थन देने को लेकर पूरे जोश में थीं।
गांधी ने कहा कि वह अपने घर से संसद की कार्यवाही देख रही थीं और उन्होंने उस समय खुशी का अनुभव किया जब चर्चा के बाद विधेयक पारित हो गया।
गांधी ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं और राहत महसूस कर रही हूं।" उन्होंने कहा कि यह मुद्दा उनके दिल के करीब था, खासतौर से इसलिए क्योंकि यह उनके दिवंगत पति पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के दर्शन से जुड़ा हुआ था।
संप्रग के कुछ सहयोगियों के विरोध के संदर्भ में सोनिया गांधी ने कहा कि उन्हें इससे जुड़े राजनीतिक खतरे के बारे में पता था लेकिन देश की महिलाओं के सशक्तिकरण का मुद्दा खतरा मोल लेने की कीमत से ज्यादा मूल्यवान था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।