मप्र में प्रति व्यक्ति 8966 रुपये का कर्ज
भोपाल, 9 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में पांच साल में प्रति व्यक्ति ऋण 5656 रुपये से बढ़कर 8966 रुपये हो गया है। ऐसा राज्य सरकार द्वारा इस अवधि में 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने की वजह से हुआ है।
मध्य प्रदेश सरकार पर वर्ष 2004-05 में जहां 34 हजार 109 करोड़ रुपये का कर्ज था, वहीं वर्ष 2008-09 तक यह कर्ज 54 हजार 111 करोड़ रुपये हो गया। इन पांच वर्षो में औसतन प्रति वर्ष चार हजार करोड़ रुपये का कर्ज राज्य सरकार को लेना पड़ा है।
विधानसभा में मंगलवार को कांग्रेस के विधायक रामनिवास रावत के एक सवाल के जवाब में वित्तमंत्री राघवजी ने बताया कि राज्य सरकार पर 31 मार्च 2009 तक 54 हजार 111 करोड़ रुपये का कर्ज था। वर्ष 2004-05 में जहां 3661 करोड़ रुपये ब्याज चुकाने में व्यय होता था, वहीं वर्ष 2008-09 में यह रकम बढ़कर 4191 करोड़ रुपये हो गई है। ब्याज राशि बढ़ने की वजह से पांच वर्षो में 20 हजार करोड़ रुपये का नया कर्ज है।
वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर राज्य की जनसंख्या छह करोड़ तीन लाख थी। इस आधार पर राज्य के प्रति व्यक्ति पर वर्ष 2004-05 में औसत कर्ज 5656 रुपये था। वर्ष 2008-09 तक यह कर्ज बढ़कर 8966 रुपये हो गया है। इस तरह पांच साल में प्रति व्यक्ति कर्ज 3310 रुपये बढ़ा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।