संबंधविच्छेद से खड़ा होता है पहचान का संकट
वाशिंगटन, 9 मार्च (आईएएनएस)। प्रेम संबंधों का टूटना लोगों को बुरी तरह से परेशान कर देता है। यहां तक कि लोगों को अपनी पहचान का संकट नजर आने लगता है। साथी की गैरमौजूदगी में वे अपने आपको सही ढंग से प्रस्तुत करने में असमर्थ पाते हैं।
एक नए अध्ययन से पता चला है कि ऐसे लोगों को अपनी पहचान या अपनी अवधारणा खोने का डर सताने लगता है।
प्रेम संबंधों में व्यक्ति अपने दोस्तों और कार्यो को एक-दूसरे के साथ बांटते हैं यहां तक कि उनकी स्वयं को प्रस्तुत करने की अवधारणा भी बहुत हद तक एक ही होती है।
शोधकर्ताओं ने तीन अध्ययनों के आधार पर कहा है कि संबंध टूटने के बाद लोगों की पहचान में बदलाव देखा जाता है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया है कि अलगाव के बाद अलग हुए दोनों साथी उलझन की स्थिति में रहते हैं।
लोगों की खुद को प्रस्तुत करने की स्पष्टता में आई कमी उनकी भावनात्मक परेशानी को बढ़ा सकती है। संबंधों के टूटने के कई भावनात्मक परिणाम होते हैं। इनमें लोगों में खुद को बदलने की प्रवृत्ति पैदा होना और उन्हें ऐसा लगना कि वह खुद को लेकर कम स्पष्ट हैं शामिल है।
अध्ययकर्ता इरिका बी. स्लोटर, वेंडी एल. गार्डनर और एली जे. फिंकेल के मुताबिक दोनों साथी न केवल एक-दूसरे के वाक्यों को पूरा करते हैं बल्कि वे एक-दूसरे के स्व या पहचान को भी पूरा करते हैं। संबंधों के टूटने पर वे न केवल साथी को खोने का बल्कि अपने व्यक्तित्व में परिवर्तन का दर्द भी झेलते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।