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टिकाऊ विकास के लिए राजकोषीय समेकन जरूरी : प्रणब
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से यहां आयोजित एक समारोह के मौके पर मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा, "जिस विकास दर को हमने हासिल किया है, वह दर राजकोषीय समेकन के बगैर टिकाऊ नहीं हो पाएगी।" मुखर्जी ने उम्मीद जाहिर की कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर अगले वित्त वर्ष के दौरान नौ प्रतिशत हो जाएगी।
सरकार के पूर्वानुमान के मुताबिक देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) इस पूरे वित्त वर्ष के दौरान वर्ष 2008-09 के 6.7 प्रतिशत के मुकाबले 7.2 प्रतिशत होगा।
इसके पहले इसी सप्ताह में वित्त मंत्री मुखर्जी ने कहा था कि तीसरी तिमाही में आई गिरावट, कृषि उत्पादन में भारी गिरावट के कारण थी। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में आर्थिक वृद्धि में तेजी आएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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