महिला आरक्षण विधेयक को लेकर आशावान है महिला आयोग
आयोग की अध्यक्ष गिरिजा व्यास ने संवाददाताओं से कहा, "हम बहुत खुश हैं कि 14 सालों के संघर्ष के बाद अंतत: इस विधेयक को मान्यता मिली है और इसे महत्व दिया गया है।"
ज्ञात हो कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सोमवार को केंद्रीय कानून मंत्री एम.वीरप्पा मोइली इस विधेयक को राज्यसभा में पेश करेंगे। इस विधेयक के जरिए संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित हो जाएंगी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वामपंथी पार्टियों ने इस विधेयक का समर्थन करने का निर्णय लिया है।
यह पूछे जाने पर कि लालू प्रसाद और मुलायम सिंह ने दलित और अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए 20 प्रतिशत अलग से आरक्षण देने का सुझाव दिया है, व्यास ने कहा, "लालूजी को अपना मन बदलना चाहिए। ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां विधेयक का समर्थन कर रही हैं, यहां तक कि अब नीतीश कुमार ने भी विधेयक का समर्थन किया है।"
सेंटर फॉर सोशल रिसर्च की निदेशक रंजना कुमारी ने कहा, "हम दलित और अन्य अल्पसंख्यकों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन इसके कारण विधेयक को रोका नहीं जाना चाहिए।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।