आखिर कहना क्या चाहते हैं हॉलब्रुक
काबुल आतंकी हमले में 6 भारतीय घायल
अपने पिछले बयान पर लीपीपोती करते हुए हॉलब्रुक बोले "मेरे बयान को लेकर हुई गलतफहमी का मुझे बेहद अफसोस है। लेकिन काबुल में हुए आतंकवादी हमले में छह भारतीयों की जान गई और दूसरे देशों के भी 10 नागरिक मारे गए।" ऐसे में मैं यह तो नहीं कह सकता कि वहां भारतीयों को निशाना नहीं बनाया गया लेकिन हमले का निशाना भारतीय थे, ये कहना थोड़ा मुश्किल था।
अब हॉलब्रुक का सेटेटमेंट आ रहा है कि "हम सभी जानते हैं कि भारतीय नागरिक आतंकवादियों के निशाने पर रहे हैं और अभी भी हैं। अफगानिस्तान में में भी भारतीय आतंकवादियों के निशाने पर हैं। मुझे काबुल हमले में मारे गए सभी लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना है।"
हॉलब्रुक के बार-बार बयान बदलने से यह समझना मुश्किल हो रहा है कि आखिर वह कहना क्या चाहते हैं। साथ ही वह अचानक अपने बयान से क्यों पलट गए, ये भी आश्चर्यजनक है। आखिर ऐसा कौन सा दबाव है जिसके चलते हॉलब्रुक अपना कोई स्पष्ट नजरिया नहीं रख पा रहे हैं।