मंत्री ने आनन-फानन में किया रायबरेली पुल का उद्घाटन (लीड-1)
लखनऊ स्थित पीडब्ल्यूडी अतिथि गृह में बुधवार को अचानक प्लास्टिक का शिलापट लगाकर डलमऊ पुल का औपचारिक उद्घाटन करने के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस पुल का उद्घाटन आज अचानक नहीं हो रहा है। यह कार्यक्रम राज्य सरकार पहले ही निर्धारित कर चुकी थी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के तय कार्यक्रम के मुताबिक इस पुल का उद्घाटन मुख्यमंत्री एवं बसपा प्रमुख मायावती के हाथों उनके जन्मदिन 15 जनवरी को ही होना था, लेकिन उस समय पुल के एक लिंक रोड का निर्माण पूरा न हो पाने के कारण कार्यक्रम टाल दिया गया था।
बसपा महासिचव ने कांग्रेसियों के इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि सोनिया गांधी को केंद्र सरकार के धन से निर्मित इस पुल के उद्घाटन से रोकने के लिए मायावती की तरफ से यह कदम उठाया गया है।
इससे पहले तय कार्यक्रम के मुताबिक पीडब्ल्यूडी मंत्री गुरुवार को इस पुल का लोकार्पण डलमऊ जाकर करने वाले थे। लेकिन बुधवार को केंद्रीय भूतल परिवहन राज्य मंत्री आर.पी.एन.सिंह द्वारा डलमऊ पुल का निरीक्षण करने जाने की खबर के बाद कथित विकास का श्रेय लेने की होड़ में अचानक बसपा सरकार के मंत्री सिद्दीकी ने लखनऊ में ही इसका उद्घाटन कर दिया। इस दौरान सिद्दीकी ने कहा कि वह गुरुवार को डलमऊ जाकर भी विधिवत पुल का लोकार्पण करेंगे।
उधर डलमऊ पुल का जाएजा लेने जा रहे आर.पी.एन.सिंह को रायबरेली जिला प्रशासन ने रास्ते में मुंशीगज (30 किलोमीटर पहले) में ही रोक लिया और आगे जाने नहीं दिया।
सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि उनके मंत्रालय (केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय) ने गत 17 फरवरी को ही उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर सूचित कर दिया था कि मार्च के दूसरे सप्ताह में रायबरेली सांसद और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी डलमऊ पुल का उद्घाटन करेंगी।
इस दौरान उन्होंने दावा किया कि इस पुल के निर्माण में राज्य सरकार का एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ है। केंद्र सरकार ने पैसा उस समय अवमुक्त किया जब उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार ही नहीं थी। ऐसे में उद्घाटन करने का उनको नैतिक हक नहीं है।
बसपा के इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता इस तानाशाही को देख रही है कि किस तरह से मायावती सरकार प्रजातंत्र के मूल्यों का पालन नहीं कर रही है।
वहीं उत्तर प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री ने साफ किया कि इस पुल में केंद्र सरकार के 30 करोड़ रुपये के अलावा राज्य सरकार ने भी अपना पैसा खर्च किया है। इस दौरान सिद्दीकी ने साफ किया कि उन्हें केंद्र सरकार ने कोई जानकारी नहीं दी। उनके साथ प्रदेश बसपा अध्यक्ष एवं पंचायती राज मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या भी मौजूद थे।
सिद्दीकी के उद्घाटन करने से पहले बुधवार पूर्वाह्न रायबरेली के कांग्रेसी विधायकों अजयपाल सिंह(डलमऊ), शिव गणेश लोधी(सतांव), शिवबालक पासी(सलोन), अशोक सिंह (सरेनी) और राजारम त्यागी(बछरावां) ने राज्यपाल बी.एल.जोशी को ज्ञापन सौंपकर राज्य सरकार के मंत्री द्वारा उद्घाटन कार्यक्रम को रोकने का आग्रह किया था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने लखनऊ में एक बयान जारी कर कहा है मायावती का यह निर्णय द्वेषपूर्ण और रायबरेली की जनता की भावनाओं के विपरीत है। जिले की जनता इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी और मायावती सरकार के खिलाफ ठीक उसी तरह खड़ी होगी जिस तरह रेल कोच फैक्टरी मामले में प्रदेश सरकार द्वारा अड़ंगा डालने पर सोनिया गांधी के पीछे खड़ी हुई थी।
मालूम हो कि रायबरेली जिले को फतेहपुर जिले से जोड़ने वाले गंगा नदी पर निर्मित डलमऊ पुल की लंबाई 1025 मीटर है।
प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के मुताबिक इस पुल का शिलान्यास तत्कालीन रायबरेली सांसद इंदिरा गांधी ने 1976 में रखा था। बीच में पुल का निर्माण कार्य में रुकावट आ गई थी। 2004 में मीडिया में इस पुल की चर्चा आने के बाद सांसद सोनिया गांधी ने दखल देकर इसे बनवाया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।