वहां होली पर जलता है रावण का पुतला और होती है आतिशबाजी
बरेली (उत्तर प्रदेश), 28 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में स्थित बामनपुरी कस्बे में रंग और गुलाल के त्योहार होली के मौके पर रावण का पुतला जलाकर आतिशबाजी की जाती है।
होली पर दशहरा और दीवाली के नजारे की यह परंपरा 60 साल पुरानी है, जिसे स्थानीय लोगों ने ही शुरू किया था।
लोगों का मानना है कि इस दिन हुल्लड़बाजी की जगह आध्यात्मिकता को तरजीह देने के लिए यह परंपरा शुरू की गई थी।
सरकारी स्कूल के शिक्षक नैन सिंह सागर ने आईएएनएस से कहा, "हम भी अबीर, गुलाल और रंगों से होली खेलते हैं लेकिन मुख्य आकर्षण रावण, कुंभकरण व मेघनाद के पुतलों को जलाने के साथ आतिशबाजी करने का ही होता है।"
होली की पूर्व संध्या पर 18 दिवसीय रामलीला का समापन आतिशबाजी और पुतलों को जलाने के साथ किया जाता है।
होली के दिन कस्बे में भगवान राम की बारात निकलती है। इसमें एक सजे-धजे रथ पर भगवान राम, देवी सीता और अन्य देवताओं की विशाल मूर्तियां रखी जाती हैं, जिसे लोग हाथों से खींचते हैं। इस रथयात्रा में हजारों श्रद्धालु गाजे-बाजे के साथ शामिल होते हैं।
कस्बे में एक डेयरी चलाने वाले विनयमणि तिवारी कहते हैं, "केवल बामनपुरी के ही नहीं बल्कि बरेली और आसपास के दूसरे जिलों के लोग भी इस अनोखी होली में शामिल होने के लिए यहां आते हैं।"
बामनपुरी के एक अन्य निवासी पदम चंद्र कहते हैं, "ऐसी मान्यता है कि करीब 60 साल पहले होली में हुल्लड़बाजी से परहेज के उद्देश्य से इस परंपरा को शुरू किया गया था।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।