प्रेरित होकर करें काम, जरूर मिलेगी सफलता!
शोधकर्ताओं का कहना है कि जो लोग लक्ष्य को मजाक के रूप में लेते हैं उसका परिणाम कई बार बदतर होता है। उनका परिणाम वैसे लोगों से भी खराब होता है जो यह कहते हैं कि उन्हें सफलता के लिए कम प्रेरित किया गया।
इलिनोइस विश्वविद्यालय (यू-1) में मनोविज्ञान की प्रोफेसर डोलोरेस अल्बारेशिन ने फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विलियम हार्ट के साथ मिलकर किए गए शोध में कहा है कि दो छात्र एक शिक्षक के परामर्श पर उत्कृष्टता के लिए अलग तरह का प्रदर्शन कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि शायद इसका कारण यह हो सकता है कि वे अच्छा करने की परवाह नहीं करते क्योंकि वे कुछ और करना चाहते हैं। इस तरह उत्कृष्टता के पैमाने पर जिस छात्र का प्रदर्शन खराब रहता है उसे भी बुरा नहीं कहा जा सकता क्योंकि इसका मतलब यह है कि उसका लक्ष्य कुछ और है।
उत्कृष्टता के पैमाने के लिए चार अध्ययन किए गए जिसमें अनुसंधानकर्ताओं ने इस बात का मूल्यांकन किया कि उपलब्धियों की तरफ प्रतिभागियों का व्यवहार कैसा होता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।