झारखण्ड में मंत्रिपरिषद विस्तार के बाद सत्ताधारी दलों में असंतोष
रांची, 10 जनवरी (आईएएनएस)। झारखण्ड में मुख्यमंत्री शिबू सोरेन द्वारा मंत्रिपरिषद का विस्तार किए जाने के बाद सरकार में शामिल झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में अब असंतोष की सुगबुगाहट तेज होने लगी है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "किसी भी उच्च जाति के नेता को मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं कर पार्टी ने बहुत बड़ी गलती की है।"
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 13 फीसदी लोग उच्च जातियों से हैं और हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कुल 81 में से आठ राजपूत और दो ब्राह्मण नेता चुने गए। सोरेन मंत्रिमंडल में इनमें से किसी को जगह नहीं दी गई।
भाजपा कोटे से चार विधायकों को उपमुख्यमंत्री सहित मंत्री बनाया गया है। इनमें दो जनजातीय, एक दलित और और वैश्य समुदाय से है।
मंत्रिपरिषद विस्तार के बाद झामुमो में भी इसी प्रकार का असंतोष देखा जा रहा है। झामुमो को मुख्यमंत्री सहित चार मंत्री पद मिले हैं। मुख्यमंत्री सोरेन सहित दो जनजातीय को मंत्री बनाया गया है जबकि अल्पसंख्यक समुदाय और पिछड़े वर्ग से एक-एक प्रतिनिधि को मंत्रीपरिषद में स्थान मिला है।
झामुमो विधायक साइमन मरांडी ने कहा, "सोरेन ने अपनी मंत्रिपरिषद में ईसाई समुदाय के किसी नुमाइंदे को जगह नहीं दी है। मुझे ऐसा लगता है कि मैं ईसाई हूं इसलिए मुझे मंत्री नहीं बनाया गया।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।