यूरोपीय एकता के रास्ते में पूर्वाग्रह और अज्ञानता रोड़ा
ब्रसेल्स, 24 अप्रैल(आईएएनएस)। जब स्लोवेनिया की टीम एक फरवरी को सद्भावना मैच खेलने के लिए बेल्जियम पहुंची तो उनका स्वागत बिल्कुल अजीबोगरीब तरीके से किया गया। मैच शुरू होने से पहले जब इस टीम के सदस्य सावधान की मुद्रा में खड़े थे तो उन्हें स्लोवाकियाई राष्ट्रीय गान सुना दिया गया। यूरोपीय संघ के सदस्य देशों की राष्ट्रीय पहचान को लेकर ऐसा घालमेल होता रहता है।
यूरोपीय संघ के लिए स्लोवाकिया के राजदूत मारोस सैफकोविक कहते हैं, "अक्सर ऐसी चूक होती रहती है। यूरोपीय संघ के सदस्यों की राष्ट्रीय पहचान को लेकर जागरूकता की कमी और पूर्वाग्रह इसकी प्रमुख वजह है। ब्रसेल्स के नेता या विशेषज्ञ लोगों को आसानी से राष्ट्रीय फर्क के बारे में बता सकते हैं, पर ऐसा प्रयास नहीं हो रहा। लोगों में ऐसे सामान्य ज्ञान की कमी वाकई चिंताजनक है।"
पांच वर्ष पहले स्लोवाकिया और स्लोवेनिया को 10 नए सदस्यों के साथ यूरोपीय संघ में जगह दी गई थी। यूरोपीय संघ के विस्तार आयुक्त रह चुके गुएंटर वह्र्यूजेन कहते हैं, "यह दुखद है कि आम जनता ही नहीं, बल्कि अधिकारी भी इन देशों की राष्ट्रीय पहचान को लेकर भ्रमित हैं।" न सिर्फ स्लोवाकिया और स्लोवेनिया, बल्कि लात्विया और लिथुआनिया को लेकर भी ऐसा भ्रम पैदा होता रहता है।
कई यूरोपीय देश यूरोपीय एकता के पैरोकार तो हैं पर इस संगठन के पूर्वी विस्तार का विरोध कर रहे हैं। इसके पीछे पूर्वाग्रह छिपा है। आव्रजन, पारगमन, पासपोर्ट सुविधा आदि को लेकर पहले से ही मतभेद बरकरार है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।