क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने शांति वार्ता की पेशकश की (लीड-1)

By Staff
Google Oneindia News

प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी, दंडकारण्य क्षेत्र की विशेष जोनल इकाई के प्रवक्ता पांडू उर्फ पंडन्ना ने एक बयान जारी कर कहा है, "संगठन जनहित में सरकार के साथ बातचीत करना चाहता है, बशर्ते सरकार सकारात्मक पहल करे।"

शुक्रवार की देर रात नक्सिलयों के गढ़ बस्तर क्षेत्र में मीडिया दफ्तरों को भेजे गए इस संदेश में प्रवक्ता ने कहा, "शांति वार्ता शुरू होने से पहले सरकार को एक सकारात्मक माहौल बनाना चाहिए और जनजातियों की प्रताड़ना बंद की जानी चाहिए।"

बयान में कहा गया है, "वर्ष 2005 में जनजाति विरोधी सलवा जुडूम आंदोलन शुरू किए जाने के बाद से राज्य में जनजाति समुदाय के 1,000 से भी अधिक लोग मारे गए हैं।"

नक्सलियों की ओर से शांति वार्ता का यह प्रस्ताव ऐसे समय आया है, जब मुख्यमंत्री रमन सिंह ने हाल ही में एक बयान में कहा था, "दुनिया में किसी भी समस्या का समाधान गोली से नहीं निकल पाया है।"

अपनी शुरुआती प्रतिक्रिया में नक्सलियों के इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए रमन सिंह ने इसे एक अच्छी खबर बताया है।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पुलिस व अर्धसैनिक बलों के कोई 65,000 जवानों द्वारा नक्सलियों के दशकों पुराने सुरक्षित जंगली ठिकानों पर किए जा रहे लगातार हमलों के कारण उनके पैर उखड़ गए हैं। उनके द्वारा शांति वार्ता का प्रस्ताव इसी का परिणाम है।

विशेष खुफिया शाखा में पुलिस उपमहानिरीक्षक पवन देव ने कहा, "यह नक्सलियों का ध्यान बंटाने का एक बहाना है। नक्सल निरोधी कार्रवाई के कारण नक्सलियों के गढ़ बस्तर में उनके पांव उखड़ गए हैं।"

उधर, पुलिस का कहना है कि वर्ष 2004 से राज्य में नक्सली हिंसा में लगभग 1,250 लोग मारे जा चुके हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X