आतंकवाद के मुद्दे पर चीन की मध्यस्थता स्वीकार नहीं : कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से चर्चा में कहा, "आतंकवाद के मुद्दे पर भारत किसी भी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। यह दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है जिसमें साफ कहा गया है कि आतंकवाद के मसले पर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जा सकती।"
उन्होंने कहा, "हमारा एकसूत्रीय एजेंडा है कि पाकिस्तान को आतंकवादियों की जो सूची सौंपी गई है, उन आतंकवादियों को वह हमारे हवाले करे।" उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के हुक्मरानों को हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि शिमला और लाहौर समझौते के आधार पर ही दोनों देशों के बीच बगैर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता के बातचीत संभव है।
तिवारी ने कहा, "9/11 की घटना के बाद पाकिस्तान अमेरिका का प्रमुख हिमायती बन गया लेकिन अमेरिका के नए राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जब यह कहा कि पाकिस्तान को असैन्य मदद तब मिलेगी जब वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के सबूत दे देगा। अमेरिका के इस रुख के बाद पाकिस्तान ने अब चीन का दामन थाम लिया है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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