'महिलाओं के गठिया की गिरफ्त में आने का खतरा अधिक'
फिनलैंड के ज्यावासक्यला सेंट्रल हॉस्पीटल की तुलिकी सोका ने क्वेस्ट रियूमेटॉयड आर्थराइटिस (आरए) प्रोग्राम के सदस्यों के साथ मिलकर इस शोध को पूरा किया है। उन्होंने लैंगिक पृष्ठभूमि के आधार पर इस रोग की वजहों का पता लगाया। इस शोध में 25 देशों के 70 इलाकों के 6000 मरीजों को शामिल किया गया।
तुलिकी ने कहा, "पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस रोग के लक्षण पहले दिखाई देते हैं। इसकी पीड़ा महिलाओं में अधिक तीव्र होती है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं का कामकाज इस रोग से अधिक प्रभावित होता।"
इस शोध के तहत शामिल लोगों में से 79 फीसदी महिलाएं थीं और उनकी औसत उम्र 57 वर्ष थी। पुरुष और महिला गठिया रोगियों को अपनी-अपनी समस्या का खुद आकलन करने को कहा गया। सोका ने कहा, "महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा अमूमन शारीरिक रूप से अधिक कमजोर होती हैं। इसके कारण उनके इस बीमारी की चपेट में आने का खतरा अधिक होता है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।