'सभ्यताओं का संघर्ष' के लेखक सैमुएल हटिंगटन का निधन
समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार वेबसाइट ने शनिवार को समाचार दिया कि हटिंगटन की मौत बुधवार को मैसाचुसेट्स में हुई। हटिंगटन ने विश्वविद्यालय से वर्ष 2007 में अवकाश ग्रहण किया था।
हटिंगटन को उनके दृष्टिकोण 'सभ्यताओं का संघर्ष' के लिए जाना जाता है। हटिंगटन का विचार था कि शीतयुद्ध के बाद दुनिया में संघर्ष का कारण राष्ट्रों के बीच विचारधाराओं के मतभेद के बजाय बड़ी सभ्यताओं के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक अंतर होगा।
हटिंगटन ने जिन बड़ी सभ्यताओं की पहचान की थी, वे हैं-पश्चिमी (अमेरिका और यूरोप), लैटिन अमेरिकी, इस्लामी, अफ्रीकी, आर्थोडाक्स (रूस और अन्य सहयोगी देश), हिंदू , जापानी और सिनिक (चीन, कोरिया और वियतनाम)।
इस संबंध में उनका लेख सबसे पहले 1993 में एक जर्नल 'फारेन अफेयर्स' में छपा था। वर्ष 1996 में इसको उन्होंने अपनी पुस्तक 'द क्लैश ऑफ सिविलाइजेशन' और 'रीमेकिंग ऑफ वर्ल्ड आर्डर' में और आगे बढ़ाया। उनकी आखिरी पुस्तक 'हू आर वी' थी। वर्ष 2004 में आई इस किताब में उन्होंने अमेरिकी संस्कृति पर प्रवासियों के बढ़ते प्रभावों का विश्लेषण किया था।
हटिंगटन का जन्म 18 अप्रैल 1927 को न्यूयार्क शहर में हुआ था। उन्होंने स्नातक की उपाधि 1946 में येल विश्वविद्यालय से प्राप्त की। वे सेना में भी शामिल हुए और वापस लौट कर शिकागो विश्वविद्यालय से परास्नातक उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1951 में हार्वर्ड से उन्होंने पीएचडी की उपाधि हासिल की।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।