स्थानीय बाजार को तवज्जो देकर लड़ा जा सकता है इस मंदी से : विशेषज्ञ
विटबरे(इटली), 29 नवंबर(आईएएनएस)। वैश्विक वित्तीय संकट का सबसे बुरा दौर अभी गुजरा नहीं है, क्योंकि सरकारों की ओर से इससे निपटने के लिए अभी तक कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई गई है। यह कहना है वर्ष 2003 में वैकल्पिक नोबल पुरस्कार के विजेता वाल्डन बेल्लो का।
विटबरे(इटली), 29 नवंबर(आईएएनएस)। वैश्विक वित्तीय संकट का सबसे बुरा दौर अभी गुजरा नहीं है, क्योंकि सरकारों की ओर से इससे निपटने के लिए अभी तक कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई गई है। यह कहना है वर्ष 2003 में वैकल्पिक नोबल पुरस्कार के विजेता वाल्डन बेल्लो का।
उन्होंने कहा कि इस संकट का समाधान यह है कि निर्यातोन्मुख अर्थव्यवस्था के बजाए स्थानीय और राष्ट्रीय बाजारों पर आधारित अर्थव्यवस्था को प्राथमिकता दी जाए। बैंकाक स्थित संगठन फोकस ऑन द ग्लोबल साउथ के कार्यकारी निदेशक बेल्लो ने कहा, "इस सुझाव में सफलता का सूत्र छिपा हुआ है।"
उन्होंने विकासशील देशों को मंदी से निपटने के लिए कर्ज दिए जाने का सिलसिला रोकने को कहा। पर्यावरण एवं विकास के मुद्दे पर इस शहर में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठी में उन्होंने कहा कि ऐसे हालात के लिए अमेरिकी सरकार भी जिम्मेवार है। उसने बाजारों का ठीक ढंग से नियमन नहीं किया। उनका मानना है कि अधिक से अधिक लाभ कमाने की होड़ के कारण आज बाजार की ऐसी हालत हुई है।
बेल्लो के मुताबिक बाजार का हद से ज्यादा दोहन करने की प्रवृत्ति ही बाजार को ले डूबी। बाजार में सीमा से अधिक व्यापार हुआ जिससे कृत्रिमता पैदा हुई।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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